मैं इस देश से आरक्षण हटवाना चाहता हूँ..
शीर्षक:-मै देश से आरक्षण हटवाना चाहता हूँ....
देश के सभी लोगो को बराबर का हक दिलाना चाहता हूँ..
भेद- भाव बन्द कराकर सब को उनके कर्मो का फल दिलाना चाहता हूँ...
मै आरक्षण का विरोध करता हूँ...
मै देश से आरक्षण हटवाना चाहता हूँ....
तड़फ जाते है वो लोग जो पिछड़े वर्ग के नही होते....
ज्यादा अंक पाते है फिर भी उनको उनके मेहनत के फल प्राप्त नही होते ..
ये कैसा चलन चला है - मै इसको रुकवाना चाहता हूँ...
मै अपने देश से आरक्षण हटवाना चाहता हूँ...
जो जरूरत मन्द है उनको सरकारी पद नही मिलता...
जो स्वास्थ्य , सफल आनंद में है उनको पद मिल जाता है,...
मै पिछड़ा इस देश मे कोई नही है ये बताना चाहता हूँ...
मै अपने देश से आरक्षण हटवाना चाहता हूँ...
अगर देश मे पिछड़े लोग है तो मै उनको शिक्षा देकर आगे बढ़ाना चाहता हूँ...
मै ये आरक्षित पदों का गलत तरीका रुकवाना चाहता हूँ...
सबको बराबर का मौका मिले कुछ ऐसी परीक्षा की मांग है मेरी...
मै अपने देश से आरक्षण हटवाना चाहता हूँ....
कुछ जरूरतमन्द गरीबो को भी उनका हक दिलाना चाहता हूँ...
मै ये जाति - पाती का भेद हटाना चाहता हूँ....
ये गलत राह पर चल रहे लोगों को मै सही राह पर लाना चाहता हूँ..
मै अपने देश से आरक्षण हटवाना चाहता हूँ....
देश मे रहेंगे मेरे देश के लोग जब उनको पूरा सम्मान मिलेगा..
विदेशों में जाकर नही बसेंगे जब उनको सही स्थान मिलेगा
मै आपने देश को विकास का सही मार्ग दिखाना चाहता हूँ.
मै अपने देश से आरक्षण हटवाना चाहता हूँ...
✒आरव शुक्ला
📞9039799902
अच्छे विचार है आरव जी आपके....
ReplyDeleteबढ़िया भाई लिखते रहिये 😊👌
ReplyDeleteबढ़िया भाई लिखते रहिये 😊👌
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