✒सफ़लता के "मनकें" जीवन भर पिरोना है✒
✒सफ़लता के "मनकें" जीवन भर पिरोना है✒
वक्त आने पर चिरनिद्रा में सबको सोना है
रोज का रोना तो बेकार का रोना है!
दुनिया में कुछ लोगों के चाहने से नही,
जो हासिल होना है कर्मो से होना है !
मौत को अपने जरा करीब देखो यारों,
जो कुछ मिला उसे आखिर अंत मे खोना है ।
जहाँ सोते है लाखो लोग फुटपाथों पर,
शुक्र करो तुम्हारे पास ज़मी का कोना है ।
मुकम्मल करना हरेक वो ख्वाब तुम अपना ,
जागती आंखों से देखा जो सलोना है ।
यूँ ही निरंतर सफ़र तय करते रहो 'आरव' ,
सफ़लता के "मनकें"जीवनभर पिरोना है ।।
✒आरव शुक्ला
Comments
Post a Comment