मेहेंदी रचा रही थी आँसुओं ने धो दिया..

मेहंदी रचा रही थी आँसुओ ने धो दिया.... मेहेंदी रचा रही थी उन्हें आसुओं ने धो दिया... जो चेहरे पर हँसी थी उसको एक खबर सुनकर खो दिया.. शरहद पर शादी से पहले ही मेरे वीर पुरुष शहीद हो गए... उनसे नाता जुड़ने से पहले ही उनको मैने खो दिया.... घरमे सब खुश थे , खुशियों का मौहल था.. सहनाई बज रही थी गलियों में शोर था... एक खबर सुन के ही जैसे दिन अँधेरा सा हो गया... उनसे नाता जुड़ने से पहले ही उनको मैने खो दिया.... मेरे घर वालो का हाल भी कुछ अधमरा सा हो गया .. खुशियों ने तो जैसे हमसे नाता ही तोड़ दिया... परिवार में इस बात ने जैसे सबका मन गम से भर दिया... उनसे नाता जुड़ने से पहले ही उनको मैने खो दिया.... देश को भी इस बात ने उस वक्त बहुत दुख दिया... फिर भी वो शहीद हुए इस बात पर लोगो ने गर्व किया... मुझको तो सिर्फ एक बात का अफ़सोस है.... की उनसे नाता जुड़ने से पहले ही उनको मैने खो दिया... जीवन की सबसे बड़ी खुशी बीच राह में ही मैने खो दिया... उनसे नाता जुड़ने से पहले ही उनको मैंने खो दिया... मेहँदी रचा रही उन्हें आसुओं ने धो दिया... जो चेहरे पर हसी...