✍अपराधी को सजा जरूरी है✍

देश की बेटियों पर बढ़ रहे खतरे और अत्याचार का विरोध करती मेरी रचना, ✍अपराधी को सजा जरूरी है✍ देखो देश के लोगो तुमको भविष्य दिखाता हूं मैं, अपने कलम से कड़वी पर सच्ची बात बताता हूं मैं, देश मे तब सूरज उदित होते होते रुक जाएगा, तब हर माँ-बाप बेटी पैदा करने से कतरायेंगे, बलात्कार भी तब छोटी सी बात बनकर रह जाएगी, ये भी तब छोटी सी अपराध बनकर रह जाएगी, हर मक्कार लगे रहेंगे मक्कारी औए रंगरेलियों में, जाहीदो की टोली होगी हर सड़को में हर गलयों में, तब शायद बचे हुए कानून के हाथ भी कट जाएंगे, गांधी-वादी औऱ देश से अच्छे लोग तब घट जाएंगे, देश मे शायद तब इन गद्दारो का ही राज होगा, प्रगति करता भारत ऐसा चलता रहा तो बर्बाद होगा, वो सन्त महात्मा हो चाहे वो सत्ता वादी हो, कानून तो बराबर है सब पर चाहे वो जिसका भी आदी हो, लंका से सीता को वापस लाने वाले राम बनो तुम, कानून तुम धृतराष्ट नही बचाने वाले घनश्याम बनो तुम, कानून के फैसले लेने वालों इनको देखो बाप के नजरो से, देश के इन पापियों को लटका दो फांसी के फंदों से, फैसला लेने वाले कान खोल कर सुन लो तुम, तुम्हारे घर भी बेटी है ये बात याद रखा ...